Thursday, November 8, 2018

जुंबिशें - - - रुबाइयात 94-96


94

मादाएँ ख़ुद अपने ही झुण्ड से खेलें, 
इक दूसरे के नख़रे, नसीहत झेलें,
मुंकिर को न फ़तवा दें, न धमकाएँ वह,
मर्दों के अखाड़ों में न वह डंड पेलें.

مادایں خود اپنے ہی جھنڈ میں کھیلیں 
اک دوسرے کے نخرے ، نصیحت جھیلیں 
منکر کو نہ فتویٰ دیں ، نہ دھمکا ئیں وہ 
مردوں کے اکھاڑوں میں ، نہ وہ ڈنڈ پیلین ٠ 

95 

बेयार ओ मददगार हमें छोड़ गए, 
कैसे थे वफ़ादार हमें छोड़ गए, 
अब कौन निगहबाने-जुनूँ होगा मेरा, 
लगता है कि घर बार हमें छोड़ गए.
निगहबान=संरक्षक    

بے یار و مددگار ہمیں چھوڑ گئے
کیسے تھے وفا دار ہمیں چھوڑ گئے
اب کون نگہبانِ جنوں ہوگا مرا ؟
لگتا ہے کہ گھر بار ہمیں چھوڑ گئے 

96

योरोप की तरह अपना ये भारत जागे,
क्या कहना निकल जाए ये सब से आगे,
बन जाएँ सभी हिंदी मुकम्मल इंसाँ,
गर धर्म ओ मज़ाहिब की मुसीबत भागे.

یوروپ کی طرح ، اپنا یہ بھارت جاگے 
کیا کہنا ، نکل جاۓ یہ سب سے آگے 
بن جایں سبھی ہندی ، مکمّل انساں 
گر دھرم و مذاھب کی مصیبت بھاگے 

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