Friday, November 16, 2018

जुंबिशें - - - रुबाइयात 115-117


115

जन्मे तो सभी पहले हैं हिन्दू,माई! 
इक ख़ाम माल जैसे हैं ये हिन्दू भाई, 
इनकी लुद्दी से हैं ये डिज़ाइन सभी, 
मुस्लिम, बौद्ध, सिख हों या ईसाई. 

جنمیں تو سبھی ہیں ہندو مائی 
اک خام مال جیسے ہیں ہندو بھائی 
انکی لددی سے ہیں یہ ڈیزائن سب 
مسلم ، بودھ ، سکھ ہوں ، یا عیسائی ٠ 

116

गुफ़्तार के फ़नकार कथा बाचेंगे, 
मुँह आँख किए बंद भगत नाचेंगे, 
एजेंट उड़ा लेंगे जो थोड़ी इनकम, 
महराज ख़फ़ा होंगे, बही बांचेंगे. 

شبدوں کے کلاکار ، کتھا باچیں گے 
منہ آنکھ کئے بند ، بھگت ناچیں گے 
ایجنٹ جو اڑا لینگے ، تھوڑی راشی 
مہراج خفا ہو کے بہی جا چین گے ٠ 

117

मदरसों से धरम अड्डे से आते हैं वह,
नफ़रतों को, कुदूरतों को फैलाते हैं वह,
मान लेती है इन्हें भोली यह अवाम,
सीख लेती है जो सिखलाते हैं वह.
कुदूरतों=बैर भाव 

مدرسوں سے مساجد سے آتے ہیں وہ
نفرتوں، قدورتوں کو پھیلا تے ہیں وہ
مان لیتی ہے اِنہیں بھولی عوام  
سیکھ لیتی ہے جو سِکھلاتے ہیں وہ ٠ 

No comments:

Post a Comment