Thursday, November 22, 2018

जुंबिशें - - - रुबाइयात 133-135


133

मअदा परस्ती में है बिरझाई हुई,
नामूस ख़ुदाई पे है ललचाई हुई,
इंसानी तरक्क़ी से कहो होश करे,
है आलम ए बाला से ख़बर आई हुई.

مادّہ پرستی میں ، ہے برجھائی ہوئی 
ناموس خدائی پہ ہے ، للچائی ہوئی 
انسانی ترققی سے کھو ، ہوش کرے 
ہے عالم بالہ سے ، خبر آئ ہوئی ٠ 

134

मोमिन ये भला क्या है दहरया क्या है ?
आला है भला कौन , ये अदना क्या है ?
देखो कि (उसके) मुआश का ज़रीआ क्या है,
उस तन में रवाँ ख़ून का दरिया क्या है.

مومن یہ بھلا کیا ہے ، دہریہ کیا ہے 
آلہ ہے بھلا کون ، یہ عدنا کیا ہے 
دیکھو کہ معاش کا ذریعہ کیا ہے 
اس تن میں رواں خون کا دریہ کیا ہے ؟ ٠

135

किस धुन से बजाय था मजीरा देखो,
किस बल से चुने, मोती व् हीरा देखो,
बनिए की समाधि है कि इबरत का मुक़ाम,
इस क़ब्र में बे कैफ़ जज़ीरा देखो.

کس دھن سے بجاۓ تھے مجیرہ دیکھو 
کس بل سے چنے ، موتی و ہیرا دیکھو 
بنئے کی سمدھی ہے کہ ، عبرت کا مقام 
اس قبر میں بے کیف ، جزیرہ دیکھو ٠ 

No comments:

Post a Comment