Monday, December 10, 2018

जुंबिशें - - - मुस्कुराहटें 3



साझेदारी 

फ़न का माहिर हूँ ज़ात1 रखता हूँ,
मैं उरूज़ी2 बिसात रखता हूँ,
बस कि आवाज़ ही नहीं पाई,
तुम में मूसूक़ी3 है मेरे भाई.

आओ ग़जलों का कारोबार करें,
अपनी ग़ुरबत4 को शर्म सार,
दाल रोटी का कुछ सहारा हो,
ग़ज़लें मेरी गला तुम्हारा हो,
आधे आधे की हिस्से दारी हो,
मैं हूँ शायर कि तुम मदारी हो. 

1 हस्ती 2 शायरी व्याकरण 3 संगीत 4 दरिद्द्रता 

ساجھیداری 

فن کا ماہر ہوں ، ذات رکھتا ہوں 
میں عروضی بساط رکھتا ہوں 
بس کہ آواز ہی نہیں پائی 
تم میں موسوقیت ہے ائے بھائی 

آ و غزلوں کا کاروبار کریں 
اپنی غربت کو شرم سار کریں 
دال روٹی کا کچھ سہارا ہو 
غزلیں میری ، گلا تمہارا ہو 
تم اپنے نام سے میرا کلام پڑھتے رہو .
میری روحوں پہ راگ مڑھتے رہو 
آدھے آدھے کی حصّے داری ہو
 ہم ہیں شائر کہ تم مداری ہو ٠ 

1 comment:

  1. क्या बात है !अच्छा प्रपोज़ल है शायरों के भी घर परिवार होता है |

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