Monday, March 11, 2019

जुंबिशें - - - रुबाईयाँ


रुबाईयाँ
अब बअज़ भी आओ कि बहुत ज़ुल्म क्या,
भगवान व् ख़ुदाओं ने बहुत ख़ून पिया,
 आते रहे अवतार व् पयम्बर बन कर,
आराम से इंसान को जीने न दिया.
اب باز بھی آؤ کہ بہت ظلم کیا 
بھگوان ، خداؤں نے بڑا خون پیا 
آتے رہے اوتار و پیمبر بن کے 
آرام سے انسان کو جینے نہ دیا ٠ 

**
सब कुछ यहीं ज़ाहिर है, खुला देख रहे हो,
क़ुदरत लिए हाज़िर है, खुला देख रहे हो,
बातिन में छुपाए वह इल्म ए नाक़िस,  
वह झूट में माहिर है खुला देख रहे हो.
سب کچھ یہیں ظاہر ہے ، کھلا دیکھ رہے ہو 
قدرت لئے حاضر ہے ، کھلا دیکھ رہے ہو 
باطن میں چھپاۓ ہے ،وہ علم ناقص 
وہ جھوٹ میں ماہر ہے کھلا دیکھ رہے ہو ٠ 

***
मअदा परस्ती में है बिरझाई हुई,
नामूस ख़ुदाई पे है ललचाई हुई,
इंसानी तरक्क़ी से कहो होश करे,
है आलम ए बाला से ख़बर आई हुई.
مادّہ پرستی میں ، ہے برجھائی ہوئی 
ناموس خدائی پہ ہے ، للچائی ہوئی 
انسانی ترققی سے کھو ، ہوش کرے 
ہے عالم بالہ سے ، خبر آئ ہوئی ٠ 

1 comment:

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति ।
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
    iwillrocknow.com

    ReplyDelete