ग़ज़ल
आलम ए गुम की चीज़ होती है,
जान कितनी अज़ीज़ होती है.
जान कितनी अज़ीज़ होती है.
अच्छा शौहर गुलाम होता है,
अच्छी बीवी कनीज़ होती है.
बात बिगडे तो जाए रुसवाई,
बात बन कर तमीज़ होती है.
मुफ़्त का मॉल खाने वालों की,
खाल कितनी दबीज़ होती है.
खाल कितनी दबीज़ होती है.
फिल्म बे दाग़ रहनुमाओं की ,
देखिए कब रिलीज़ होती है.
बे ख़याली में लम्स की बोटी,
हाय कितनी लज़ीज़ होती है.
*****
*कनीज़=दासी * दबीज़=मोटी*लम्स=स्पर्श
खूबसूरत प्रस्तुति।
ReplyDeleteअच्छा शौहर गुलाम होता है,
अच्छी बीवी कनीज़ होती है.
आपकी उक्त अनुभूति और अच्छी लगी।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
अद्भुत काफ़िये मुंकिर साब....
ReplyDeleteफिल्म बे दाग़ रहनुमाओं की ,
देखिए कब रिलीज़ होती है
इस शेर पे तो बस उफ़्फ़्फ़-वाह-हाय
फिल्म बे दाग़ रहनुमाओं की ,
ReplyDeleteदेखिए कब रिलीज़ होती है.
बे खयाली में लम्स की बोटी,
हाय कितनी लज़ीज़ होती है|
:D जुनैद भाई जान ही निकाल दी पूरी ग़ज़ल ही शानदार लेकिन ऊपर के दो शेर तो माशाअल्लाह!