Sunday, August 12, 2018

जुंबिशें - - - नज़्म 26 रूकावट का खेद


26

रूकावट का खेद

मर गए कुहना ख़ुदा सब, और नए जन्में नहीं,
ख़त्म है पैग़म्बरी, अवतार भी होते नहीं,
कुछ महा मानव ही पैदा हों, कि कुछ मुश्किल कटे,
देवता सब सो रहे हैं, राक्षस हटते नहीं.

है नजिस हाथों में, सारे मुल्क का क़ौमी3 निज़ाम,
डाकुओं के हाथ में है, हर समाजी इन्तेज़ाम,
गुंडों, बदमाशों, उचक्कों को इलाक़े मिल गए,
पारसाओं को मिला है, सिर्फ़ ज़िल्लत का मुक़ाम.

1-प्रचीन 2-पवित्र ३ - राष्ट्रिय .

رُکاوٹ کا کھید

،مر گئے کہنہ خدا سب ، پھر نۓ جنمے نہیں
،ختم ہے پیغمبری ، اوتار بھی ہوتے نہیں
،کچھ مہا مانو ہی پیدا ہوں، کہ کچھ مشکل کٹے
دیوتا سب سو رہے ہیں ، راکچھس ہٹتے نہیں ٠

،ہے نجس ہاتھوں میں سارے مُلک کا قومی نظام
،ڈاکووں کے ہاتھ میں ہے ہر سماجی انتظام
،منتخب بدمعاش غُنڈوں کو علاقے مل گئے
پارساؤں کو ملا ہے صرف ذلّت کا مقام ٠ 

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