Friday, August 10, 2018

जुंबिशें - - - नज़्म 24 ईमान की कमज़ोरी


24

ईमान की कमज़ोरी

मेरा ईमान1 यक़ीनन, है अधूरा ही अभी,
बर्क़ रफ़्तार2 है, मशगूल ए सफ़र ,
हुक्म ए रब्बानी को, 
ख़ुद सुन के ये क़ायल होगा,
क़ुर्रा ए अर्ज़ व् फ़िज़ा नाप चुका,
क़ुर्रा ए बाद के, काँधों पे चढ़ा,
शम्सी हलक़ो से बढ़ गया आगे,
डेरा डाले है ख़लाओं में अभी,

रौशनी साल१० से भी तेज़ क़दम,
सर पे तकमील११ की शिद्दत१२ को लिए,
है बड़े अज़्म१३ से सर-गर्म ए सफ़र,
पाने वाला है, ख़ुदाओं का पता,
मैं भी कह पाऊँगा, ईमान के साथ,
मेरा ईमान भी मुकम्मल है.

मेरा ईमान यक़ीनन, है अधूरा ही अभी,
बर्क रफ़्तार है, मशगूले-सफ़र,

मैं क़यासों१४ के मनाज़िल१५ पे, नहीं ठहरूंगा,
हार मानूंगा नहीं, हद्दे-ख़ेरद१६ के आगे,
आतिशे-जुस्तुजू१७ में जलता हुवा,
पैकरे-शाहिदी१८ में ढ़लता हुवा,
हर्फ़ ए आख़ीर१९ को लिखूंगा मैं,
हक़ को पाने की क़सम खाई है,

चाँद तारों पे वजू२० करते हुए,
अर्शे-आला२१ पे पहुँच जाऊंगा,
देखना है कहाँ छुपा है 'वह',
उससे थोडी सी गुफ़्तुगू होगी,

मौज़ूअ२२, यह फ़लकी२३ 'डाकिए' होंगे,
उनके पैग़ाम पर जिरह होगी,
लेके ईमान ए ज़मीं लौटूंगा,
मेरा ईमान यक़ीनन है अधूरा ही अभी,
इसकी तकमील२४ मेरी मंज़िल है.

१-धार्मिक-विश्वाश २-विद्युत् गति ३-यात्रा-रत ४-ईशादेश ५-मान्य ६-धरती एवं छितिज मंडल ७-वायु मंडल ८-सौर्य-मंडल ९-ब्राम्हाण्ड १०-प्रकाश वर्ष ११-परिपूर्णता १२-आतुरता १३-उत्साह १४-अनुमान १५ -मंजिलें१६-बुद्धि-सीमा १७-खोज की गरिमा १८-साक्छी-रूप १९-आखरी लेख २०-नमाज़ से पहले मुंह धोना २१-बड़ा आकाश २२-विषय २३-आसमानी पैगम्बर २४-परिपूर्णता

ایمان کی کمزوری

،میرا ایمان یقیناً ابھی ادھورا ہے
،برقِ رفتار ہے مشغولِ سفر
حُکم ربّانی کو خود سُن کے یہ قائل ہوگا ٠

، قرّہء عرض و فضا ناپ چکا
،قرّہء باد کے کا ندھوں پہ لدا
،ڈیرہ ڈالے ہے خلاؤں میں ابھی
،شمسی حلقہ سے ذرا سا آگے
،سر پہ تکمیل کی شدّت کو لئے
،پانے والا ہے خُداؤں کا پتہ
، میں بھی کہہ پاونگا ایمان کے ساتھ
میرا ایمان بھی مکمّل ہے ٠ 

،ہار ما نونگا نہیں حدِ خرد کے آگے
،میں قیاسوں کی منازل پہ نہیں ٹھہرونگا
،آتشِ جستجو میں جلتا ہوا
،پیکرِ شاہدی میں ڈھلتا ہوا
،حرفِ آخیر کو لکھونگا میں
،چاند کی چھت پہ وضو کر آیا
،حق کو پانے کی قسم کھائی ہے
،عرشِ اعلیٰ پہ پہنچ جاؤنگا
،دیکھنا ہے وہ کہاں رہتا ہے
،ایک تصدیقِ صداقت ہوگی
،لیکے ایمان زمیں لوٹونگا
،میرا ایمان یقیناً ابھی ادھورا ہے
اسکی تکمیل میری منزل ہے ٠ 

No comments:

Post a Comment