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मन को लूटे धर्म की दुन्या, धन को लूटे नेता,
देश को लूटे नौकर शाही, गुंडा इज्ज़त लेता.
आटोमेटिक प्रोडक्शन है, श्रम को कोई न टेता,
तन लूटे सरमायादारी,जतन को घूस का खेता.
चैन की सांस प्रदूषण लूटे, गति लूटे अतिक्रमण,
उन्नत भक्षी जन संख्या ने, अपना गला ही रेता.
प्रतिभा देश से करे पलायन, सिस्टम को गरियाती,
आरक्षन का कोटा सब को, दूध भात है देता.
प्रदेशिकता देश को बाटे, कौम को जाति बिरादर,
भारत माता भाग्य को रोए, कोई नहीं सुचेता.
सब के मन का चोर है शंकित, मुंह देखी बातें हैं,
'मुंकिर' शब्द का लहंगा चौड़ा, मन का घेर सकेता.
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مَن کو لوٹے دَھرم کی دُنیا، دَھن کو لوٹے نیتا
دیش کو لوٹے نوکر شاہی، غُنڈہ عزت لیتا٠
آٹو میٹک پروڈکشن ہے، شرم کو کوئی نہ ٹیتا
تن لوٹے سرمایا داری، جتن کو گھوس کا کھیتا٠
چین کی سانس پردوشن لوٹے، گتی لوٹے آرکچھن
اُنتی بھکچھی جَن سنکھیا نے، اپنا گلہ ہی ریتا٠
پرتیبھا دیش سے کرے پلا ین، سِسٹم کو گریاتی
آرکچھن کا کوٹا سب کو، دودھ بھات ہے دیتا٠
پردیشکتا دیش کو بانٹے، قوم کو ذات برادر،
بھارت ماتا بھاگ کو روۓ، کوئی نہیں سُچیتا٠
سبکے من کا چور ہے شنکِت، منہہ دیکھی سب باتیں
منکر شبد کا لہنگا چوڑا، من کا گھیر سکیتا٠
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