ग़ज़ल
साफ़ सुथरी सी काएनात मिले,
तंग ज़ेहनो से कुछ, नजात मिले.
संस्कारों में, धर्म और मज़हब,
न विरासत में ज़ात, पात मिले.
आप की मजलिस ए मुक़द्दस1 में,
सिर्फ़ फ़ितनों के, कुछ नुक़ात2 मिले.
तुझ से मिल कर गुमान होता है,
बस की जैसे, ख़ुदा की ज़ात मिले.
उलझी गुत्थी है, सांस की गर्दिश,
एक सुलझी हुई, हयात मिले.
हर्फ़ ए आख़ीर हैं, तेरी बातें,
इस में ढूंडा कि कोई बात मिले.
१-सदभाव-सभा २-षड़यंत्र-सूत्र
صاف سُتھری سی کائنات ملے
تنگ ذہنوں سے کُچھ نجات ملے٠
سَنسکاروں میں دھرم نہ مذہب
نہ وراثت میں ذات پات ملے٠
تُجھ سے مل کر گُمان ہوتا ہے
بس کہ جیسے خدا کی ذات ملے٠
اُلجھی گُتّھی ہے سانس کی گردش
ایک سُلجھی ہوئی حیات ملے٠
آپ کی مجلسِ مقدّس میں
بس کہ فتنوں کے کُچھ نُکا ت ملے٠
حرفِ آخیر ہیں تیری باتیں
اس میں ڈھونڈھا کہ کوئی بات ملے٠
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