Saturday, January 19, 2019

जुंबिशें - - - दोहे 55-57


55

खोले अपना डाक घर , बैठा उपर खुदाए ,
ख़त ले आया डाकिया , मार मार पढवाए .
کھولے اپنا ڈاک گھر، بیٹھا اوپر خداۓ 
خط لے آیا ڈاکیہ ، مار مار پڑھواے ٠
*
56

आ देखे शमशान को या फिर कब्रिस्तान ,
जीवन की सच्चाई चुन , ऐ भोले नादान .
آ دیکھیں شمشان کو یا پھر قبرستان 
جیون کی سچچائی چن ، ائے بھولے نادان 

57

काम किसी के आए न , वह मन का कंगाल ,
पूछे सब से खैरियत , पूछे सब से हाल .
کام کسی کے اے نہ وہ مان کا کنگال 
سب سے پوچھے خیریت ، پوچھے سب کا حال  

1 comment:

  1. धरम न कोउ बिसारिये निकसत जबहीं प्रान |

    धरके काँधे धर्मही लिए जाता श्मसान || ८ ||
    भावार्थ : - किसी को भी धर्म का अनादर नहीं करना चाहिए वह धर्म ही है जो प्राण निकलने के पश्चात मनुष्य को अपना कंधा देकर श्मशान ले जाता है |

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