Monday, January 14, 2019

जुंबिशें - - - दोहे 40-42


40

माटी के तन पर तेरे, चढत है चादर पीर,
बिन चादर के शीत में, मानव तजें शरीर.
ماٹی کے تن پر ترے ، چڑھت ہیں چادر پیر 
بن لتہ کے شیت میں ، مانو تجت شریر ٠
*

41

पानी की कल कल सुने, सुन ले राग बयार,
ईश्वर वाणी है यही, अल्ला की गुफ्तार.
پانی کی کل کل سنے ، سن لے راگ بیار 
وہیی ندا اور ایش کی ، وانی یہی ہے یار ٠

42

अल्ला को तू भूल जा , मत कर उसका ध्यान ,
अल्ला की मख्लूक़ का , पहले हो कल्यान .
الله کو تو بھول جا ، مت کر اسکا دھیان 
الله کی مخلوق کا پہلے کر کلیاں 

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