Friday, January 4, 2019

जुंबिशें - - - दोहे 16-18


16

मानव-जीवन युक्ति है, संबंधों का जाल, 
मतलब के पाले रहे, बाकी दिया निकाल. 

مانو جیون یکتی ہے ، سمبندھوں کا جال 
مطلب کے پھانسے رہے ، باقی دیا نکال ٠


17

नादानों की सोच है ऐसा बने विधान,
वैदिक  युग में जा बसे अपना हिदुस्तान.

نادانوں کی سوچ ہے ، ایسا بنے ودھان 
ویدک یوگ میں جا بسے ، اپنا ہدستان ٠

18

इंसानी तहजीब के मिटे हैं कितने रूप,
आज जिहादी हैं खड़े सर पे ताने धुप ..

 انسانی تہذیب کے مٹے ہیں کتنے روپ 
 آج جہادی ہیں کھڈے سرپہ تانے دھوپ 

No comments:

Post a Comment