Friday, January 11, 2019

जुंबिशें - - - दोहे 34-36


34

गांधी कलि-युग में हुए अजब हैं ये अवतार,
मार काट से दूर हैं, तीर है न तलवार।
گاندھی کلیگ میں ہوئے ، عجب ہیں یہ اوتار 
مار کاٹ سے دور ہیں ، تیر ہے نہ تلوار ٠

35

घृणा मानव से करे, करे ईश से प्यार,
जैसे छत सुददृढ़ करै, खोद खोद दीवार.
گھرنا مانو سے کرے ، کرے ا یش سے پیار 
جیسے چھت سددرڑھ کرے ، خود خود دیوار ٠

36

कित जाऊं किस से मिलूँ, नगर-नगर सुनसान,
हिन्दू-मुस्लिम लाख हैं, एक नहीं इंसान.
کت جوں کس سے ملوں ، نگر نگر سنسان 
ہندو مسلم لاکھ ہیں ، ایک نہیں انسان ٠
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