Monday, April 14, 2014

Junbishen 274



मुस्कुराहटें 

मुहाविरों के बोल 

कुछ पाना, कुछ खोते रहना ,
तुम बस, रोते धोते रहना .

फूल की सेजें खोते रहना , 
राह में कांटे बोते रहना .

जो बोले दरवाज़ा खोले ,
जागे हो तो सोते रहना .

नौ मन तेल पे राधा नाचे ,
तेली बैल को जोते रहना .

आँख के अंधे नाम नयन सुख ,
सूरदास सब टोते रहना .

धोबी के कुत्ते मत बनना ,
घर के घाट के होते रहना .

भैंस है उसकी जिसकी लाठी ,
पाप की गठरी ढोते रहना .

नाच न आवे आँगन टेढ़ा , 
पीर की तीर चुभोते रहना .

भाग की रोटी जुरवा खाए ,
मुनकिर रूप को रोते रहना .
*

1 comment:

  1. गंगा आए गंगादास जमुना जमुनादास..,
    तू बस मैला ढोते रहना..,

    अपनी करनी पार उतरनी..,
    तू बस नैया डुबोते रहना..,

    दे जो आटा दाल वही देगा ज्वाल..,
    तू मुंह में थूक बिलोते रहना..,

    कोयला लूटे और अशर्फीयों पे छपे..,
    तू पढ़ पढ़ नैन खोते रहना.....

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