Thursday, July 28, 2011

इल्म और लाइल्मी


इल्म और लाइल्मी




मैं ने इक मुल्ला से पूछा,"वाकई क्या है खुदा?"
बोला, "हाँ!हाँ!! हाँ!!!, सौ फ़ीसदी से भी सिवा "




और दे डालीं खुदा के हक़ में इक सौ एक दलील,
एक सौ इक नाम की लेकर उठा फेहरिस्त तवील।




एक साइंस दाँ से दोहराया जो मैंने यह सवाल,
कम सुख़न के वास्ते कुछ भी कहना था मुहाल।




कशमकश में बोला अब तक जो खुदा मौजूद हैं,
सब के सब साबित हुवा है झूट तक महदूद हैं।




हाँ! मगर इम्कानो-अंदेशा2 का मैं 'मुंकिर' नहीं,
हो भी सकता है कहीं पर इक खुदाए ला यकीं।
१-कम वाला 2 संभावनाएं और संशय

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