Tuesday, February 19, 2019


तीरें 


तेज़ तर तीर की तरह तुम हो, 

नसलो! तुम को निशाना पाना है.
हम हैं बूढे कमान की मानिंद, 
बोलो कितना हमें झुकाना है?
***
सुल्हा कर लूँ कि ऐ अदू १ तुझ से, 
मैं ने तदबीर ही बदल डाली,
तेरे जैसा ही क्यूं न बन जाऊं, 
अपने जैसा ही क्यों बनाना है.
***
रोज़े रौशन को छीन लेती है, 
तू कि ऐ गर्दिशे ज़मीं हम से,
हम हैं सूरज के वंशजों से मगर, 
सर पे तारीक2 ये ख़ज़ाना है.
***
कौडी कौडी बचा के रक्खा है, 
तिनका तिनका सजा के रक्खा है,
गीता संदेश कुछ इशारा कर, 
हम ने जोड़ा है किस को पाना है.
***
बारी बारी से सोते जगते हैं, 
मेरे कांधों पे दो फ़रिश्ते ये,
हम सवारी गमो खुशी के हैं, 
रोते हँसते नजात पाना है.
***
आप के पास भी अन्दाज़ा है, 
है हमारे भी पास तख़मीना,
आप ने माना एक वाहिद को, 
हम ने सत्तर करोर माना है.
***
तू है क़ायम फ़क़त गवाही पर, 
सदियाँ गुज़रीं गवाह गुज़रे हुए,
हिचकिचाहट है इल्म नव3 को अब, 
तुझ को नुक्तों पे आज़माना है.
***
तेरे एह्काम4 की करूँ तामील, 
फ़ायदे कुछ न चाहिए मुझ को,
आसमानों से झाँक कर तुझ को,
सिर्फ़ इक बार मुस्कुराना है.


१-दुश्मन २-अँधेरा ३-नई शिक्षा ४-आज्ञा



تیرں 



تیز تر تیر کی طرح تم ہو 

نسلو ! تم کو نشانہ پانا ہے 
ہم ہیں بوڑھے کمان کی مانند 
بولو ، کِتنا تمہیں جُھکنا ہے ٠
*
صلح کر لوں ، کہ ائے عدو تُجھ سے 
میں نے تدبیر ہی بدل ڈالی 
تیرے جیسا ہی کیوں نہ بن جاؤں 
اپنے جیسا ہی کیوں بنانا ہے ٠
*
روزِ روشن کو چھین لیتی ہے 
تو کہ ائے ، گردشِ زمیں مجھ سے 
ہم تو سورج کے قبلائی ہیں 
سر پہ اندھیر کا کیوں خزانہ ہے ٠
*
کوڑی کوڑی بچا کے رکھا ہے 
تِنکا تِنکا سجا کے رکھا ہے 
گیتا سندیش تو اِشارہ دے 
ہمنے جوڑا ہے ، کِسکو پانا ہے ٠
*
باری باری سے سوتے جگتے ہیں
میرے کا ندھوں پہ دو فرشتے یہ 
ہم سواری غم و خوشی کے ہیں 
روتے ہنستے نجات پانا ہے ٠ 
 *
آپ کے پاس بھی اندازہ ہے 
ہے ، ہمارے بھی پاس تخمینہ 
آپ نے مانا ایک واحد کو 
ہم نے ستتر کروڑ مانا ہے ٠ 

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