Friday, July 11, 2014

Junbishen 312


गज़ल

आलम ए गुम की चीज़ होती है,
जान कितनी अज़ीज़ होती है.

अच्छा शौहर गुलाम होता है,
अच्छी बीवी कनीज़ होती है.

बात बिगडे तो जाए रुसवाई,
बात बन कर तमीज़ होती है.

मुफ़्त का मॉल खाने वालों की,
खाल कितनी दबीज़ होती है.

फिल्म बे दाग़ रहनुमाओं की ,
देखिए कब रिलीज़ होती है.

बे ख़याली में लम्स की बोटी,
हाय कितनी लज़ीज़ होती है.

*****
*कनीज़=दासी * दबीज़=मोटी*लम्स=स्पर्श


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