रहबर ने पैरवी का जूनून यूँ बढा लिया,
आखें जो खुली देखीं तो तेवर चढा लिया।
तहकीक़ ओ गौर ओ फ़िक्र तबीअत पे बोझ थे,
अंदाज़ से जो हाथ लगा वह उठा लिया।
शोध और आस्था में उन्हें चुनना एक था,
आसान आस्था लगी, सर में जमा लिया।
साधू को जहाँ धरती के जोबन ज़रा दिखे,
मन्दिर बनाया और वहीँ धूनी रमा लिया।
पाना है गर खुदा को तो बन्दों से प्यार कर,
वहमों कि बात थी ये गनीमत कि पा लिया।
"मुकिर" की सुलह भाइयों से इस तरह हुई,
खूं पी लिया उन्हों ने, ग़म इस ने खा लिया.
शोध और आस्था में उन्हें चुनना एक था,
ReplyDeleteआसान आस्था लगी, सर में जमा लिया।
साधू को जहाँ धरती के जोबन ज़रा दिखे,
मन्दिर बनाया और वहीँ धूनी राम लिया।
बेहतरीन...दाद कबूल करे...राम की जगह रमा कर लें...
नीरज