Thursday, January 8, 2015

Deewan 53 Ghazal



2 comments:

  1. इसको उस दस्तो-सहरा में छोड़ आओ..,
    जहाँ जब्र ज़ुल्म से जम्हूरी ज़कात मिले.....

    जम्हूरी ज़कात = मतदान, टैक्स, घूस

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  2. इसको उस दस्तो-सहरा में छोड़ आओ..,
    जहाँ जब्र ज़ुल्म से जम्हूरी ज़कात मिले.....

    क्योंकि ये सब कुछ तो वहीँ मिलता है

    जम्हूरी ज़कात = मतदान, टैक्स, घूस

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