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छीछा लेदर
ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी,
भए न्याय के सब अधिकारी.
इन सब को अपराधी जान्यो,
सभै की मौन समाधि जान्यो.
निर्बल जीव को पापी संझयो,
ताड़क को परतापी समझयो.
इनके मूडे सींग उग आई,
इनके मार से कौन बचाई?
गंवरा भए शहर के बासी,
न्याय धीश हैं चमरा पासी.
पशुअन तक सनरक्षन पाइन,
सवरण जान्यो जनम गंवाइन.
नारी माँ बेटी बन बनयाई,
तुलसी बाबा राम दुहाई.
چھیچھ لیدر
،دھول گنوار شودر پشو ناری
،بھیے نیاے کے سب ادھیکاری
،ان سب کو اپرادھی جانا
،سبھے کی مون سمادھی جانا
،نربل جیو کو پاپی سمجھا
،تاڑک کو پرتاپی سمجھا
،ان کے موڑے سینگ اگ آئ
،انکے مار سے کون بچائی
،گنورا بھنے شہر کے باسی
،نیاے دھیش ہیں چمرا پاسی
،پشوں تک سنرکچہن پائن
،سورن جانو جنم گوائیں
،ناری ماں بیٹی بن آئ
تلسی بابا رام دہائی ٠
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