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मशविरे
छोड़ो पुरानी राहें, सभी हैं गली हुई,
राहें बहुत सी आज भी, हैं बे चली हुई.
महदूद1 मोहमिलात२ में, क्यूं हो फंसे हुए,
ढूँढो जज़ीरे आज भी हैं, बे बसे हुए.
ऐ नौ जवानो! अपना नया आसमां रचो,
है उम्र अज़्मो-जोश३ की, संतोष से बचो.
कोहना रिवायतों4 की, ये मीनार तोड़ दो,
धरती पे अपनी थोडी सी, पहचान छोड़ दो.
धो डालो इस नसीब को अर्क़े ए जबीं५ से तुम,
अपने हुक़ूक़६ लेके ही, मानो ज़मीं से तुम.
फ़रमान हों खुदा के, कि इन्सान के नियम,
इन सब से थोड़ा आगे, बढ़ाना है अब क़दम.
१ -सीमित २ -अर्थ हीन ३- उत्साह ४ -पुरानी मान्यताएं ५ -माथे का पसीना ६ -अधिकार .
مشورے
،چھوڑو پُرانی را ہیں سبھی ہیں گلی ہوئی
راہیں بہت سی آج بھی ہیں بے چلی ہوئی٠
،محدود مہملات میں کیوں ہو پھنسے ہوئے
ڈھونڈھو جزیرے آج بھی ہیں بے بسے ہوئے
،اے نوجوانو ! اپنا نیا آسمان رچو
جد و جہد کے بعد ہی بچ پاو تو بچو٠
،کُہنہ روایتوں کی یہ مینار توڑ دو
دھرتی پہ تھوڑی اپنی بھی پہچان چھوڑ دو٠
،دھو ڈالو اس نصیب کو عرقِ جبیں سے تم
اپنے حُقوق لے کے ہی مانو زمیں سے تم٠
،فرمان ہوں خدا کے یا انسان کے نیم
ان سب سے تھوڑا آگے بڑھانا ہے اب قدم ٠
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