Sunday, August 19, 2018

जुंबिशें - - - नज़्म 32 आस्तिक और नास्तिक


32

आस्तिक और नास्तिक

बच्चों को लुभाते हैं परी देव के क़िस्से,
ज़हनों में यकीं बन के समाते हैं ये क़िस्से,

होते हैं बड़े फिर वह समझते हैं हक़ीक़त,
ज़ेहनों में मगर रहती है कुछ वैसी ही चाहत.

इस मौके पे तैयार खड़ा रहता है पाखण्ड,
भगवानो-खुदा, भाग्य, कर्म और क्षमा दंड.

नाकारा जवानों को लुभाती है कहानी,
खोजी को मगर सुन के सताती है कहानी.

कुछ और वह बढ़ता है तो बनता है नास्तिक,
जो बढ़ ही नहीं पाता वह रहता है आस्तिक.


ناستک اور آستک

،بچوں کو لُبھاتے ہیں پری دیو کے قصّے 
ذہنوں میں یقین بن کے سماتے ہیں یہ قصّے٠ 

،ہوتے ہیں بڑے وہ تو سمجھتے ہیں حقیقت ،
ذہنوں میں مگر رہتی ہے کچھ ایسی ہی چاہت ٠ 

،اِس موقعے پہ تییار کھڑا رہتا ہے پاکھنڈ ،
الله کا روزِ جزا ، بھگون کے چھما ڈنڈ ٠

،ناکارہ جوانوں کو لبھاتی ہے کہانی ،
کھوجی کو مگر سُن کے ستاتی ہے کہانی ٠

،ذہنی بلوغتوں پہ یہ بنتا ہے  ناستک ،
بالغ نہیں جو ہوتا وہ بنتا ہے آستک ٠ 

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