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आलम ए गुम की चीज़ होती है,
जान कितनी अज़ीज़ होती है.
अच्छा शौहर ग़ुलाम होता है,
अच्छी बीवी कनीज़ होती है.
बात बिगड़े तो जाए रुसवाई,
बात बन कर तमीज़ होती है.
मुफ़्त का माल खाने वालों की,
खाल कितनी दबीज़ होती है.
फ़िल्म बे दाग़ रहनुमाओं की ,
देखिए कब रिलीज़ होती है.
बे ख़याली में लम्स की बोटी,
हाय कितनी लज़ीज़ होती है.
*कनीज़=दासी * दबीज़=मोटी*लम्स=स्पर्श
،عالم گُم کی چیز ہوتی ہے
جان کتنی عزیز ہوتی ہے٠
،اچھا شوہرغُلام ہوتا ہے
اچھی بیوی کنیز ہوتی ہے٠
،بات بگڑے تو جاے رُسوائی
بات بن کر تمیز ہوتی ہے٠
،مُفت کا مال کھانے والوں کی
کھال کتنی دبیز ہوتی ہے٠
،فلم بے داغ رہنماؤں کی
دیکھئے کب رلیز ہوتی ہے٠
،بے خیالی میں لمس کی بوٹی
ہاۓ ! کتنی لذیز ہوتی ہے ٠
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