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तीरें
तेज़ तर तीर की तरह तुम हो,
नसलो! तुम को निशाना पाना है.
हम हैं बूढे कमान की मानिंद,
बोलो कितना हमें झुकाना है?
***
सुल्हा कर लूँ कि ऐ अदू १ तुझ से,
मैं ने तदबीर ही बदल डाली,
तेरे जैसा ही क्यूं न बन जाऊं,
अपने जैसा ही क्यों बनाना है.
***
रोज़े रौशन को छीन लेती है,
तू कि ऐ गर्दिशे ज़मीं हम से,
हम हैं सूरज के वंशजों से मगर,
सर पे तारीक2 ये ख़ज़ाना है.
***
कौड़ी कौड़ी बचा के रक्खा है,
तिनका तिनका सजा के रक्खा है,
गीता संदेश कुछ इशारा कर,
हम ने जोड़ा है किस को पाना है.
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बारी बारी से सोते जगते हैं,
मेरे कांधों पे दो फ़रिश्ते ये,
हम सवारी गमो खुशी के हैं,
रोते हँसते नजात पाना है.
***
आप के पास भी अन्दाज़ा है,
है हमारे भी पास तख़मीना,
आप ने माना एक वाहिद को,
हम ने सत्तर करोर माना है.
***
तू है क़ायम फ़क़त गवाही पर,
सदियाँ गुज़रीं गवाह गुज़रे हुए,
हिचकिचाहट है इल्म नव3 को अब,
तुझ को नुक्तों पे आज़माना है.
।
***
तेरे एह्काम4 की करूँ तामील,
फ़ायदे कुछ न चाहिए मुझ को,
आसमानों से झाँक कर तुझ को,
सिर्फ़ इक बार मुस्कुराना है.
१-दुश्मन २-अँधेरा ३-नई शिक्षा ४-आज्ञा
تیرں
،تیز تر تیر کی طرح تم ہو
،نسلو ! تم کو نشانہ پانا ہے
،ہم ہیں بوڑھے کمان کی مانند
،ہم ہیں بوڑھے کمان کی مانند
بولو ، کِتنا تمہیں جُھکنا ہے ٠
*
،صلح کر لوں ، کہ ائے عدو تُجھ سے
،میں نے تدبیر ہی بدل ڈالی
،تیرے جیسا ہی کیوں نہ بن جاؤں
اپنے جیسا ہی کیوں بنانا ہے ٠
*
،روزِ روشن کو چھین لیتی ہے
،تو کہ ائے ، گردشِ زمیں مجھ سے
،ہم تو سورج کے قبلائی ہیں
سر پہ اندھیر کا کیوں خزانہ ہے ٠
*
،کوڑی کوڑی بچا کے رکھا ہے
،تِنکا تِنکا سجا کے رکھا ہے
،گیتا سندیش تو اِشارہ دے
ہمنے جوڑا ہے ، کِسکو پانا ہے ٠
*
،باری باری سے سوتے جگتے ہیں
،میرے کا ندھوں پہ دو فرشتے یہ
،ہم سواری غم و خوشی کے ہیں
روتے ہنستے نجات پانا ہے ٠
*
،آپ کے پاس بھی اندازہ ہے
،ہے ہمارے بھی پاس تخمینہ
،آپ نے مانا ایک واحد کو
ہم نے ستتر کروڑ مانا ہے ٠
*
،تو ہے قائم فقط گواہی پر
،صدیوں گزری گواہ گزرے ہوئے
،ہچکچاہٹ ہے علم نو کو اب
تُجھکو نُکتوں پہ آزمانا ہے ٠
*
،تیرے احکام کی کروں تعمیل
،فائدہ کچھ نہ چاہئے مجھ کو
،آسمانوں سے جانک کر تُجھ کو
صِرف اک بار مُسکرانا ہے ٠
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