Wednesday, March 23, 2016

Junbishen 767


नज़्म 


तीरें 

तेज़ तर तीर की तरह तुम हो, नसलो! तुम को निशाना पाना है।
हम हैं बूढे कमान की मानिंद, बोलो कितना हमें झुकाना है?
***
सुल्हा कर लूँ कि ऐ अदू १ तुझ से, मैं ने तदबीर ही बदल डाली,
तेरे जैसा ही क्यूं न बन जाऊं, अपने जैसा ही क्यों बनाना है।
***
रोज़े रौशन को छीन लेती है, तू कि ऐ गर्दिशे ज़मीं हम से,
हम हैं सूरज के वंशजों से मगर, सर पे तारीक2 ये ख़ज़ाना है।
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कौडी कौडी बचा के रक्खा है, तिनका तिनका सजा के रक्खा है,
गीता संदेश कुछ इशारा कर, हम ने जोड़ा है किस को पाना है।
***
बारी बारी से सोते जगते हैं, मेरे कांधों पे दो फ़रिश्ते ये,
हम सवारी गमो खुशी के हैं, रोते हँसते नजात पाना है।
***
आप के पास भी अन्दाज़ा है, है हमारे भी पास तख़मीना,
आप ने माना एक वाहिद को, हम ने सत्तर करोर माना है।
***
तू है क़ायम फ़क़त गवाही पर, सदियाँ गुज़रीं गवाह गुज़रे हुए,
हिचकिचाहट है इल्म नव3 को अब, तुझ को नुक्तों पे आज़माना है।
***
तेरे एह्काम4 की करूँ तामील, फ़ायदे कुछ न चाहिए मुझ को,
आसमानों से झाँक कर तुझ को,सिर्फ़ इक बार मुस्कुराना है।

१-दुश्मन २-अँधेरा ३-नई शिक्षा ४-आज्ञा

تیریں 

تیز تر تیر کی طرح تم ہو 
نسلو ! تم کو نشانہ پانا ہے
ہم ہیں بوڑھے کمان کی مانند
بولو ، کتنا تمہیں جھکنا ہے ٠
*
صلح کر لوں ، کہ ائے عدو تجھ سے 
میں نے تدبیر ہی بدل ڈالی 
تیرے جیسا ہی کیوں نہ بن جاؤں 
اپنے جیسا ہی کیوں بنانا ہے ٠
*
روز روشن کو چھین لیتی ہے 
تو کہ ائے ، گردش زمیں مجھ سے
ہم تو سورج کے قبلائی ہیں 
سر پہ سایوں کا کیوں خزانہ ہے ٠
*
کوڑی کوڑی بچا کے رکھا ہے 
تنکا تنکا سجا کے رکھا ہے 
گیتا سندیش تو اشارہ دے 
ہمنے جوڑا ہے ، کیسکو پانا ہے ٠
*
باری باری سے سوتے جگتے ہیں
میرے کندھے پہ دو فرشتے یہ 
ہم سواری غم و خوشی کے ہے 
روتے ہنستے نجات پانا ہے ٠ 
 *
آپ کے پاس بھی اندازہ ہے 
ہے ، ہمارے بھی پاس تخمینہ 
آپ نے مانا ایک واحد کو 
ہم نے ستتر کروڑ مانا ہے ٠ 
*

تو ہے قائم فقط گواہی پر 
صدیوں گزری گواہ گزرے ہوئے 
ہچکچاہٹ ہے علم نو کو اب 
تجھ کو نکتوں پہ آزمانا ہے ٠
*
تیرے احکام کی کروں تعمیل 
فائدہ کچھ نہ چاہئے مجھ کو 
آسمانوں سے جگانک کر تجھ کو
صرف اک بار مسکرانا ہے ٠

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