नज़्म
तीरें
तेज़ तर तीर की तरह तुम हो, नसलो! तुम को निशाना पाना है।
हम हैं बूढे कमान की मानिंद, बोलो कितना हमें झुकाना है?
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सुल्हा कर लूँ कि ऐ अदू १ तुझ से, मैं ने तदबीर ही बदल डाली,
तेरे जैसा ही क्यूं न बन जाऊं, अपने जैसा ही क्यों बनाना है।
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रोज़े रौशन को छीन लेती है, तू कि ऐ गर्दिशे ज़मीं हम से,
हम हैं सूरज के वंशजों से मगर, सर पे तारीक2 ये ख़ज़ाना है।
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कौडी कौडी बचा के रक्खा है, तिनका तिनका सजा के रक्खा है,
गीता संदेश कुछ इशारा कर, हम ने जोड़ा है किस को पाना है।
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बारी बारी से सोते जगते हैं, मेरे कांधों पे दो फ़रिश्ते ये,
हम सवारी गमो खुशी के हैं, रोते हँसते नजात पाना है।
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आप के पास भी अन्दाज़ा है, है हमारे भी पास तख़मीना,
आप ने माना एक वाहिद को, हम ने सत्तर करोर माना है।
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तू है क़ायम फ़क़त गवाही पर, सदियाँ गुज़रीं गवाह गुज़रे हुए,
हिचकिचाहट है इल्म नव3 को अब, तुझ को नुक्तों पे आज़माना है।
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तेरे एह्काम4 की करूँ तामील, फ़ायदे कुछ न चाहिए मुझ को,
आसमानों से झाँक कर तुझ को,सिर्फ़ इक बार मुस्कुराना है।
१-दुश्मन २-अँधेरा ३-नई शिक्षा ४-आज्ञा
تیریں
تیز تر تیر کی طرح تم ہو
نسلو ! تم کو نشانہ پانا ہے
ہم ہیں بوڑھے کمان کی مانند
بولو ، کتنا تمہیں جھکنا ہے ٠
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صلح کر لوں ، کہ ائے عدو تجھ سے
میں نے تدبیر ہی بدل ڈالی
تیرے جیسا ہی کیوں نہ بن جاؤں
اپنے جیسا ہی کیوں بنانا ہے ٠
*
روز روشن کو چھین لیتی ہے
تو کہ ائے ، گردش زمیں مجھ سے
ہم تو سورج کے قبلائی ہیں
سر پہ سایوں کا کیوں خزانہ ہے ٠
*
کوڑی کوڑی بچا کے رکھا ہے
تنکا تنکا سجا کے رکھا ہے
گیتا سندیش تو اشارہ دے
ہمنے جوڑا ہے ، کیسکو پانا ہے ٠
*
باری باری سے سوتے جگتے ہیں
میرے کندھے پہ دو فرشتے یہ
ہم سواری غم و خوشی کے ہے
روتے ہنستے نجات پانا ہے ٠
*
آپ کے پاس بھی اندازہ ہے
ہے ، ہمارے بھی پاس تخمینہ
آپ نے مانا ایک واحد کو
ہم نے ستتر کروڑ مانا ہے ٠
*
تو ہے قائم فقط گواہی پر
صدیوں گزری گواہ گزرے ہوئے
ہچکچاہٹ ہے علم نو کو اب
تجھ کو نکتوں پہ آزمانا ہے ٠
*
تیرے احکام کی کروں تعمیل
فائدہ کچھ نہ چاہئے مجھ کو
آسمانوں سے جگانک کر تجھ کو
صرف اک بار مسکرانا ہے ٠
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