मुस्कुराहटें
मुहाविरों के बोल
कुछ पाना, कुछ खोते रहना ,
तुम बस, रोते धोते रहना .
फूल की सेजें खोते रहना ,
राह में कांटे बोते रहना .
जो बोले दरवाज़ा खोले ,
जागे हो तो सोते रहना .
नौ मन तेल पे राधा नाचे ,
तेली बैल को जोते रहना .
आँख के अंधे नाम नयन सुख ,
सूरदास सब टोते रहना .
धोबी के कुत्ते मत बनना ,
घर के घाट के होते रहना .
भैंस है उसकी जिसकी लाठी ,
पाप की गठरी ढोते रहना .
नाच न आवे आँगन टेढ़ा ,
पीर की तीर चुभोते रहना .
भाग की रोटी जुरवा खाए ,
मुनकिर रूप को रोते रहना .
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