दस्तक 1
घूंघट तो उठा दे तू , ज़रा क़ादिरे-मुतलक़2,
दस्तक1 दिए दर पे, है खड़ी भीड़ बशिद्दत3।
बाज़ार तेरे ख़ैर की, बरकत की लगी है ,
अय्यार4 लगाए हैं दुकानें जो ठगी है .
तुज्जार5 तेरी शक्लें हजारों बनाए हैं ,
ख़ंजर ओ त्रिशूल, वो बाहम उठाए हैं .
अल्लाह तू बड़ा है, तू बड़ा, तू बड़ा है ,
शैतान है छोटा, जो मुक़ाबिल में खड़ा है .
कब तक ये फ़साना6 ये हवा छाई रहेगी ,
माजी7 की सियासत की फिज़ा छाई रहेगी .
सर पे खड़ा वक़्त, चढाए हुए तेवर ,
हो जाए न महशर8 से ही पहले कोई महशर .
१-knocking 2-एकेश्वर ३-ज़ोरदार ४-धूर्त ५-ब्यापारी ६-मिथ्या ७-अतीत ८-प्रलय
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