Sunday, November 18, 2018

जुंबिशें - - - रुबाइयात 121-123



121 

बे खौफ निहत्थे से सिपाही बन जाओ,
मुख़्तसर सफ़र के राही बन जाओ.
दूर रख कर ही देखो ख़ुशी और ग़म,
आदी न बनो इनके , गवाही बन जाओ.

بے خوف نہتے سے ، سپاہی بن جاؤ 
مختصر سفر کے ، راہی بن جاؤ
دور رکھ کر ہی دیکھو ، خوشی اور غم کو 
عادی نہ بنو ، ان کے گواہی بن جاؤ ٠ 

122 

रूदाद सुनाऊं मैं अदाकारों को,
ज़ेबा ही नहीं देता वज़अ दारों को ,
मंज़ूर है बे यार मददगार रहूँ ,
फ़रियाद नको, रहबरी अय्यारों को. 

روداد سناؤں میں اداکاروں کو 
زیبہ ہی نہیں دیتا ، وضع داروں کو 
منظور ہے ، بے یار و مدد گار رہوں
فریاد نکو ! رہبری عیاروں کو ٠ 

123

रोजों का असर देखो कि कुछ काम आया,
वह ईद के मौक़े पे लब ए बाम आया,
आदाब की झंकार सेवय्यों के साथ,
मुजदः ! कि पलकों पे रखे जाम आया.

روزوں کا اثر دیکھو ، کہ کچھ کام آیا 
وہ عید کے موقعہ پہ لبِ بام آیا 
آداب کی جھنکار ، سیویّوں کے ساتھ 
مژدہ ! کہ وہ پلکوں پہ رکھے جام آیا ٠ 

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